कुदरत ने मौका दिया है
आओ कुछ मन की करें
पसरे सन्नाटे को तोड़,
बात खुशी की, कुछ गम की करें ।
पानी दें पौधों में
खिलखिलाएं उनके साथ,
हवा बनकर छुएं उन्हें
चुभन कांटो की महसूस करें ।
उगते सूरज की लाली देखें
कोयल की कूक में झूमें,
पानी भरे परिंडों में
बातें नन्हें परिंदो से करें ।
अवसर मिला है
बच्चों के साथ का
खेलें कूदें, लौटे बचपन में,
लाड़ लड़ाएं उनके साथ
दिल खोल कर बातें करें ।
हाथ बटाएं पत्नी का, घर में,
सब्जी काटें, चटनी पीसें
उसके चेहरे पर
चुहाचुहाते पसीने को,
अपनी अंगुलियों के
पोर से साझा करें ।
आओ कुछ मन की करें ।
आओ कुछ मन की करें
पसरे सन्नाटे को तोड़,
बात खुशी की, कुछ गम की करें ।
पानी दें पौधों में
खिलखिलाएं उनके साथ,
हवा बनकर छुएं उन्हें
चुभन कांटो की महसूस करें ।
उगते सूरज की लाली देखें
कोयल की कूक में झूमें,
पानी भरे परिंडों में
बातें नन्हें परिंदो से करें ।
अवसर मिला है
बच्चों के साथ का
खेलें कूदें, लौटे बचपन में,
लाड़ लड़ाएं उनके साथ
दिल खोल कर बातें करें ।
हाथ बटाएं पत्नी का, घर में,
सब्जी काटें, चटनी पीसें
उसके चेहरे पर
चुहाचुहाते पसीने को,
अपनी अंगुलियों के
पोर से साझा करें ।
आओ कुछ मन की करें ।