जिन्दगी चलती हे चलते रहिए
वक्त के साथ बदलते रहिए
राह मुश्किल सही वो भी निकल जायेगी
ठोकरें खा के भी सम्भलते रहिए
ये अंधेरा हे जो जुगनू से भी घबराता है
सूर्य ना हो तो चरागों सा जलते रहिए
उम्र भर कोई यहाँ साथ नही देता
हो अकेले भी तो हँसते रहिए
कोई खुशबू नही ऐसी है जो ताउम्र रहे
जिन्दगी फूल है थोड़ा महकते रहिए...
harisharorar@gmail.com
www.facebook.com/harish.arora.92123
वक्त के साथ बदलते रहिए
राह मुश्किल सही वो भी निकल जायेगी
ठोकरें खा के भी सम्भलते रहिए
ये अंधेरा हे जो जुगनू से भी घबराता है
सूर्य ना हो तो चरागों सा जलते रहिए
उम्र भर कोई यहाँ साथ नही देता
हो अकेले भी तो हँसते रहिए
कोई खुशबू नही ऐसी है जो ताउम्र रहे
जिन्दगी फूल है थोड़ा महकते रहिए...
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